सारांश
"जब तक तुम्हें कोई ऐसा नहीं मिल जाता जिसे तुम मुझसे ज्यादा पसंद करते हो, साल में एक बार, तुम्हारे जन्मदिन पर, मैं तुम्हारे साथ डेट पर जाऊंगा" ये वो शब्द हैं जो हयात ने ताकाशी से कहे थे, जिन्होंने अपने हाई स्कूल ग्रेजुएशन के दिन उसे कबूल किया था।
तब से दस साल हो गए हैं, और हयात ने ताकाशी से किए गए अपने वादे को पूरी लगन से पूरा किया है, लेकिन उसकी भावनाएं कम होने के बजाय - वे केवल बढ़ गई हैं।
यह सोचकर कि वह अपने सीधे दोस्त के प्रति एकतरफा प्यार जारी नहीं रख सकता, ताकाशी ने हयाते से झूठ बोलते हुए कहा, "मुझे कोई ऐसा व्यक्ति मिल गया है जिससे मैं प्यार करता हूँ..."
दोस्ती और इच्छाओं से प्रेरित एकतरफा प्यार की एक दुखद, उत्तेजक और कामुक कहानी।