सारांश
हाई स्कूल की लड़की नानको अपने चाचा के अनुरोध पर अपने शहर की स्थानीय मूर्ति बन गई। वह और उसके बड़े बेटे युकारी, एक लड़की जो एकदम सही लगती है, लेकिन उसका सिर काट दिया जाता है, दोनों अपने प्रांत की मूर्ति बन जाते हैं। उन्हें साक्षात्कार (शहर के शॉपिंग सेंटर द्वारा), टेलीविज़न (कम-बजट केबल) पर जाना और संगीत कार्यक्रम (डिपार्टमेंट स्टोर की छत पर) आयोजित करना है। लड़कियों का वेतन शहर के करों से आता है।