सारांश
मोमोका मार्शल आर्ट सिखाने वाले एक डोजो की 15 वर्षीय बेटी है। उसके पास पांडाओं के लिए यह चीज़ है कि वह भरवां खिलौने इकट्ठा करना बंद नहीं कर सकती!! और अब, हमारे पास कोउ रयुगा है, वह एक सम्मनकर्ता है जिसने एक भरवां पांडा को झील में गिरने से बचाया था... वह पांडा मोमोका का था !! तब से, वह और रयुगा बचपन के दोस्त बन गए हैं और जिस पांडा को उसने संजोकर रखा है, वह उसके प्रति उसके प्यार का प्रतीक है, लेकिन भले ही उसके मन में रयुगा के लिए भावनाएँ हैं, वह विशेष रूप से तब कैसे व्यवहार करता है जब उसे एक सम्मनकर्ता के रूप में अपना काम करना होता है? यह कहानी मोमोका और रयुगा के बारे में है, भले ही रयुगा और मोमोका एक-दूसरे के प्रति ईमानदार नहीं हो सकते......