सारांश
20वीं सदी की शुरुआत में अमेरिकी डॉक्टर डंकन मैकडोनाल्ड अनैतिक प्रयोगों की एक शृंखला में लगे हुए थे। उन प्रयोगों से यह निष्कर्ष निकला कि अगर किसी को भाग्य द्वारा निर्धारित नहीं मृत्यु का सामना करना पड़ा तो मानव शरीर औसतन 30 ग्राम हल्का हो जाता है, जो एक आदमी की आत्मा के पत्थर के बराबर होता है। आज, दो व्यक्ति, सकाराई और अमानो, ऐसे लोगों की तलाश में हैं जो समय से पहले मरने वाले हैं और या तो उनकी अप्राकृतिक मृत्यु को रोकें या इन पत्थरों, "लिविंगस्टोन्स" को पुनः प्राप्त करें।