सारांश
'मैं', उस लड़की के साथ, 'मैं' और उस लड़की की 'माँ'। गर्मियों की एक दोपहर में, एक सुस्त दिन, 'मैं' और 'माँ' के बीच का रिश्ता उनके पसीने से लथपथ स्तनों की खुशबू से शुरू हुआ। माँ और बेटी दोनों से जुड़े प्रेम त्रिकोण के बारे में त्सुयात्सुया की एक भावुक और कामुक कहानी!