सारांश
एक युवा राजकुमार एक दिन बड़ा होकर जापान का 124वाँ सम्राट, हिरोहितो - या, जैसा कि इतिहास उसे कहेगा, सम्राट शौवा बनेगा! लेकिन एक दिन किसी देश पर शासन करने की तैयारी कर रहे लड़के का जीवन कैसा होता है? अपने कंधों पर राजनीतिक और सैन्य मामलों के भारी बोझ और अपने माता-पिता से दूर बड़े होने के बलिदान के साथ, युवा राजकुमार को क्या सबक सहना सीखना चाहिए? किस बात ने उसे मुस्कुराने या आँसू बहाने या गुस्से से उबलने पर मजबूर कर दिया? उसे क्या पसंद था? यह एक लड़के के राजकुमार से सम्राट बनने तक के जीवन का साहसिक नाटक है!