सारांश
युको से मेरी पहली मुलाकात स्कूल के अस्पताल में हुई थी। मैं उसे अपना सब कुछ दे दूँगा... अपने बाल, त्वचा, होंठ, सब कुछ। वे सब उसके हैं, और मैं वह सब पाना चाहता हूँ... वह हमेशा के लिए मेरी रहेगी। मेरी हथेली पर नाचो... उसकी आहें, उसके आँसू, सब कुछ। इसमें दो अन्य कहानियाँ शामिल हैं: • रेनाई जुनबिशित्सु• तानाबोटा-शिकी रेनैरॉन