सारांश
इंटरक्रॉस से:
यमादा नादेशिको का व्यक्तित्व हमेशा नकारात्मक रहा है, इसलिए वह हमेशा सोचती है कि वह जो भी करेगी, उसका परिणाम सबसे खराब होगा। लेकिन समेजिमा-कुन से मिलकर, उसकी अवधारणा के साथ, उसे पता चला कि वह धीरे-धीरे और अधिक सकारात्मक बन सकती है।
तब नादेशिको को एहसास हुआ कि वह समेजिमा के प्यार में पड़ गई है। अब उसे क्या करना चाहिए!?