सारांश
31 वर्षीय ताकेहिको नाकामारू ने अपने पूरे जीवन में इस बात का प्रशिक्षण लिया है कि दुनिया उन पर जो कुछ भी फेंकती है, उससे वे कभी भी परेशान नहीं होंगे, चाहे उन पर कुछ भी आए, वह अचंभित रहेंगे। उसने "जीवन" पर विजय प्राप्त कर ली थी और पूर्ण सद्भाव में रह रहा था। लेकिन जब उसे पता चलता है कि घर में उसका अस्तित्व उसकी बहन की शादी करने में बाधा डालता है, तो उसका शांतिपूर्ण जीवन असंतुलित हो जाता है। अपनी घबराई हुई स्थिति में, वह "जीवन" नामक राक्षस को मारने की अपनी यात्रा पर टोक्यो के लिए घर छोड़ देता है।