सारांश
शिमामिज़ु एके की दो लघु कथाएँ
एक सुनसान बस में श्रद्धा:
योशीहारू ने अपने माता-पिता द्वारा उस पर डाले गए भारी दबाव के कारण उत्पन्न तनाव के कारण अपना एकमात्र कौशल, पियानो बजाने की क्षमता खो दी। अपनी निराशा में, वह छत से कूदने की कोशिश करती है। अचानक, एक भूतिया लड़की प्रकट होती है और अपना परिचय युमे के रूप में देती है। युम योशीहारू को अपने "गुप्त अड्डे", एक परित्यक्त बस में आमंत्रित करती है। योशीहारू ने पियानो, उसके माता-पिता, सब कुछ को फेंकने का फैसला किया, और युम का उसके गुप्त अड्डे तक पीछा किया। वहां, उसका सामना युम के अतीत से होता है। "हम दोनों को हमेशा बच्चे बने रहना चाहिए" - इससे पहले कि लड़कियाँ अंततः अपनी भागदौड़ भरी जीवनशैली अपना सकें...
किमी नो इटामी वो किज़ामु बाशो:
उसके बचपन के दोस्त का मुस्कुराता हुआ चेहरा। भावनाहीन लड़की चाहती है कि वह अपने सामान्य रोजमर्रा के जीवन में मुस्कुराती रहे।