सारांश
वह गीतों की रानी थीं, लेकिन अपने महानतम वर्षों के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
पुनर्जन्म के बाद वह एक साधारण प्रशिक्षु बन गईं। उसने अपना पूर्व गौरव खो दिया? इससे कोई फर्क नहीं पड़ता—कोई भी उसकी खूबसूरत गायिका की आवाज़ का मुकाबला नहीं कर सकता। उसके निम्न जन्म के लिए उसका मज़ाक उड़ाया गया? इससे कोई फर्क नहीं पड़ता—उसकी असली पहचान पूरी दुनिया को हिला देने के लिए काफी है। उस पर भारी कर्ज है? इससे कोई फर्क नहीं पड़ता...
एक शक्तिशाली बॉस ने उससे फुसफुसाकर कहा: "अगर तुम मेरी औरत बन जाओगी तो कर्ज गायब हो जाएगा।"
लेकिन उसे गर्व है: “मुझे क्षमा करें। मैं अपनी कला बेचूंगा, लेकिन अपना पूरा अस्तित्व नहीं।”
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यह कहानी है गानों की रानी की, उसके शिखर पर लौटने की… और एक दबंग चेयरमैन की।