सारांश
18वीं शताब्दी में, पोलिश-लिथुआनियाई राष्ट्रमंडल एक वैकल्पिक राजतंत्र था, जिसमें राजा का चुनाव कुलीन वर्ग द्वारा किया जाता था। यह राज्य यूरोप के इतिहास में अभूतपूर्व, फिर भी त्रुटिपूर्ण लोकतांत्रिक राजनीतिक व्यवस्था के तहत फला-फूला। इस स्वतंत्रता-प्रेमी देश के सामने अनेक कठिन परीक्षाएँ खड़ी हैं। क्या लोकतंत्र अत्याचार के आगे झुक जाएगा? जानने के लिए "टेन नो हेट मेड" पढ़ें! विश्व प्रसिद्ध "लेडी ऑस्कर" (वर्साइल्स नो बारा) के लेखक - रियोको इकेदा द्वारा निर्मित - युद्ध, प्रेम और धोखे की यह मनोरंजक ऐतिहासिक कहानी निश्चित रूप से पढ़ने लायक है!