सारांश
जब वे पहली बार मिले, तो उसने उसके कपड़े उतारे, उसके कपड़े पहने और घर चली गई। दूसरी बार जब वे मिले, तो उसने अपने कपड़े उतार दिए और उसे धमकी दी: "छोड़ो नहीं तो मैं चिल्ला दूँगी!" तीसरी बार जब वे मिले, तो उसने मुस्कुराते हुए उससे कहा: “बस कपड़े उतारो। आप इसके अभ्यस्त हो जाएंगे। चलो!” वह कहता: वह ऐसी बेशर्म लड़की से कभी नहीं मिला।