सारांश
प्रत्येक प्राचीन वस्तु की अपनी कहानी होती है। उनकी बात कोई नहीं सुनता, क्योंकि वे अपनी बात नहीं कह सकते। वे सैकड़ों-हजारों वर्षों से ओत-प्रोत हैं, जिनमें से प्रत्येक को, कारीगरों के श्रमसाध्य प्रयासों से, उपयोगकर्ताओं की भावनाओं में ढाला गया है। हर एक बहुत अलग है, यहां तक कि प्रत्येक दरार और अंतराल का भी एक अनोखा इतिहास है। अब भी कौन कह सकता है कि प्राचीन वस्तुएँ केवल कलाकृतियाँ हैं, निर्जीव मृत वस्तुएँ हैं। यह एक कॉमिक है जो प्राचीन वस्तुओं की कहानी बताती है।